Dr Samit Sharma IAS- Minister Ragu Sharma-Rajasthan

समित शर्मा IAS पर आरोप बेबुनियाद पाए गए – क्या नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे चिकित्सा मंत्री

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By Shri RN Arvind IAS Retired 27 June 2020

जयपुर 1-जुलाई- 2020: क्या नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे चिकित्सा मंत्री? क्योंकि उन्होंने मनमर्जी के बेबुनियाद जो आरोप लगाये थे वे जांच में मिथ्या पाए गए. उन्होंने एक ईमानदार, सम्मानित और कर्तव्यनिष्ठा IAS अफसर समित शर्मा पर जो आरोप लगाए वे बेबुनियाद पाए गए. आरोपों के साथ उन्होंने इस अफसर का उत्साह तोड़ा, हजारों बेरोजगारों के रोजगार के अवसर बर्बाद किए.

पैसा भारत सरकार से आना था

राज्य सरकार ने मौका गंवा दिया. भारत सरकार के पैसे से राज्य सरकार कितने परिवारों को संतुष्ट कर सकती थी. दूसरी तरफ एक ईमानदार अफसर को कितनी पीड़ा दी और सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाने की कोशिश की.

ईमानदार अफसरों की प्रजाति खतरे में है

आजकल वैसे भी ईमानदार अफसरों की प्रजाति खतरे में है और जो बचे हैं उन पर भी जब मंत्री ही झूठे आरोप लगाएं तो कितने बुरे परिणाम होंगे. दलाल नुमा लोग तो वैसे भी उनकी जान के प्यासे रहते हैं. पूरा राजस्थान जानता है के गरीबों को मुफ्त दवा वितरण के उपाय सुझाने वाले अफसर यही हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया

लोग तो उन्हें समित जी के लिए पदम पुरस्कार की उम्मीद कर रहे थे और यहाँ तो अफसरी करना ही हराम कर दिया. ये वह अफसर हैं जिनको राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया. इनके सस्ती दवा के उदाहरणों को देश के कई राज्यों द्वारा अनुसरण किया गया. यह वही हैं जिनकी कलेक्टर के रूप में लोकप्रियता बहुत विलक्षण रही. नागौर और चित्तोड में उनके ट्रांसफर पर लाखों लोग दुखी हुए और इनको जिले में रोकने हेतु भारी जन आंदोलन हुए.

हर जागरूक नागरिक को सतर्क हो जाना चाहिए

ऐसे प्रख्यात प्रतिष्ठा के अफसर के साथ अन्याय होता है तो हर जागरूक नागरिक को सतर्क हो जाना चाहिए. समाज पर कितना बुरा असर पड़ेगा. बेईमान अफसर तो बड़े खुश होंगे. मजाक करेंगे. बोलेंगे और लो मजे ईमानदारी के.

आ जाओ हमारी जमात में

दूसरी तरफ दलाल खुश होंगे के हमारे वाले अफसर तो मौज में हैं. डूबने दो इन ईमानदारों को. मंत्री जी का अहंकार उन्हें शायद समझने ना दे कि उन्होंने पूरे समाज का कितना नुकसान किया है. मैं उनकी आत्मा को जगा रहा हूँ. आइये आप भी जगाएं. सरकारें वोट और सामाजिक प्रभावों में कई बार न्याय नहीं कर पाती और ऐसे मौकों पर अन्याय के प्रतिकार की जिम्मेवारी जनता को उठानी चाहिए. यदि ऐसा ना हुआ तो अन्याय बहुत बड़ा होकर समाज के संस्कारों को नष्ट कर देगा.