पुष्कर के समारोह में भी विजय बैंसला के निमंत्रण पर एकत्रित हुए थे गहलोत समर्थक मंत्री और नेता। तब हुड़दंग हुआ था।
16 नवंबर को राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से मुलाकात की। शर्मा ने राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के मार्ग को लेकर हो रहे विवाद पर भी चर्चा की। राजस्थान में राहुल की यात्रा के 3 से 8 दिसंबर तक रहेगी। राजस्थान में यह यात्रा अधिकांश तौर पर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों से निकलेगी। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए ही गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक और दिवंगत गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने धमकी दी है कि गुर्जर समुदाय राहुल की यात्रा का विरोध करेगा। विजय बैंसला का कहना है कि राज्य सरकार ने पूर्व में जो लिखित वादे किए थे, उन्हें अभी तक भी पूरा नहीं किया है। इससे गुर्जर समाज में नाराजगी है। विजय बैंसला के इस बयान के संदर्भ में विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष खडग़े को बताया कि यह बयान एक साजिश के तहत दिलवाया गया है। खडग़े को बयान देने वाले विजय बैंसला और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ का फोटो भी दिखा गया। इस फोटो में दोनों बात करते नजर आ रहे हैं। यह तब है जब सीएम अशोक गहलोत ने धर्मेन्द्र राठौड़ को राहुल गांधी की यात्रा का राजस्थान में इंचार्ज बना रखा है। राठौड़ की झालावाड़ से लेकर अलवर तक दौरा कर यात्रा की तैयारियां कर रहे हैं। महेश शर्मा का कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जो विजय बैंसला धर्मेन्द्र राठौड़ के संपर्क में हों, वही बैंसला राहुल की यात्रा का विरोध करें। जानकार सूत्रों के अनुसार खडग़े ने महेश शर्मा की जानकारियों को गंभीरता से लिया है। खडग़े को यह भी बताया गया है कि धर्मेन्द्र राठौड़ वही नेता है, जिन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहीनता करने का नोटिस दे रखा है। राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में महेश शर्मा को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है।
पुष्कर में हुड़दंग:
विजय बैंसला ने गत 12 सितंबर को अजमेर के पुष्कर में अपने पिता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था। इस सभा में बैंसला ने सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को खास तौर से आमंत्रित किया था। सीएम पुत्र के साथ मंत्री अशोक चांदना, शकुंतला रावत (गुर्जर) के साथ धर्मेन्द्र राठौड़ भी पुष्कर आए। लेकिन अशोक चांदना के भाषण के दौरान जिस तरह जूते फेंके गए उससे सीएम पुत्र और अन्य मंत्रियों को बिना भाषण के ही बैरंग लौटना पड़ा। हालांकि सरकार के मंत्रियों का विरोध करने वाले भी गुर्जर समुदाय के लोग ही थे, लेकिन विजय बैंसला ने अपने ही लोगों की कड़ी आलोचना की। पुष्कर में भी गुर्जर समुदाय के लोग राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे थे। लेकिन तब बैंसला ने अपने ही लोगों का विरोध किया तो अब राहुल गांधी की यात्रा का विरोध कर रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि विजय बैंसला ने धर्मेन्द्र राठौड़ से संवाद के बाद ही यात्रा का विरोध करने वाला बयान दिया है। सब जानते हैं कि कांग्रेस की राजनीति में धर्मेन्द्र राठौड़ को सीएम गहलोत का संरक्षण है। गहलोत की मेहरबानी से ही राठौड़ राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष बने हैं। राठौड़ को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। 25 सितंबर को भी अशोक गहलोत के समर्थन में विधायकों की समानंतर बैठक करवाने में राठौड़ की महत्वपूर्ण भूमिका थी। राठौड़ जो भी कार्य करते हैं उसमें सीएम की सहमति होती है। यानी विजय बैंसला ने राहुल की यात्रा को लेकर जो बयान दिया है, इसमें सीएम गहलोत की भी सहमति बनाई जाती है। जो विजय बैंसला अपने पिता की श्रद्धांजलि सभा में वैभव गहलोत को बुला रहे हों, वो विजय बैंसला अपनी मर्जी से राहुल की यात्रा का विरोध नहीं कर सकते हैं। विजय बैंसला ने जो घोषणा की है, उसका विरोध गुर्जर समुदाय के नेता ही कर रहे हैं।