राहुल गांधी में हिम्मत हो तो चीन के इस कृत्य की निंदा करे।
कांग्रेस की पहल पर 1 जून को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक।
ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने देश में इस्लाम के चीनीकरण की योजना चला रखी है। इसके अंतर्गत इस्लामिक शैली के धार्मिक स्थलों को चीनी वास्तुकला में तब्दील किया जा रहा है। इस योजना के अंतिम चरण में अब चीन के यूनान प्रांत की प्रमुख सादियान मस्जिद के स्वरूप को भी बदल दिया गया है। मस्जिद के गुंबद और मीनारों को हटाकर चीनी शैली की छतें बना दी गई है। चीन शुरू से ही मुसलमानों के धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध लगाता रहा है। सरकार की योजना के अनुसार चीन में नई मस्जिद के निर्माण की तो अनुमति दी ही नहीं जाती, बल्कि पूर्व की मस्जिदों को कभी सड़क चौड़ी करने तो कभी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के नाम पर हटा दिया जाता है। चीन में इतनी सख्ती है कि कोई भी मुसलमान विरोध नहीं कर पाता। यहां तक कि मुसलमानों की धार्मिक परंपराओं पर प्रतिबंध लगा दिए गए है।
मीडिया रिपोर्ट बताती है कि मुस्लिम वहां झिगझॅग प्रांत मं चीन के लोगों को बसाकर चीनी आबादी को बढ़ा दिया गया है। भारत में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अक्सर चीन की मदद वाले बयान देते हैं। सीमा पर हो रही सैन्य गतिविधियों को लेकर भी राहुल गांधी हमेशा भारत की स्थिति को कमजोर बताते हैँ। राहुल गांधी चाहते हैं कि भारत में धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण दे दियाजाए। कांग्रेस शासित प्रदेशों में इसकी पहल भी की गई है। अनेक मुस्लिम जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ दिया जाने लगा है। चूंकि भारत में 25 करोड़ मुसलमान है, इसलिए दुनिया के किसी भी देश में इस्लामिक घटना होने पर भारत में प्रतिक्रिया जरूरी होती है।
अब जब चीन में मुसलमानों के धार्मिक स्थलों के स्वरूप को बदला जा रहा है, तब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी इस कृत्य के लिए चीन की आलोचना करेंगे? राहुल गांधी भारत में जिस तरह मुसलमानों के प्रति हमदर्दी दिखाते हैं, उसमें राहुल गांधी को चीन की मुस्लिम विरोधी नीति का भी विरोध करना चाहिए। भारत के मुसलमानों को भी भारत और चीन के हालातों की तुलना करनी चाहिए। भारत में मुसलमानों के किसी भी धार्मिक स्थल के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती। कई बार तो किसी धार्मिक स्थल के कारण सड़क को ही मोड़ दिया जाता है। भारत में अनेक मस्जिद और मजार सार्वजनिक स्थलों पर बनी हुई है। यातायात में बाधक होने के बाद भी ऐसे धार्मिक स्थलों को हटाने की हिम्मत स्थानीय प्रशासन में नहीं होती है। चीन में भले ही सरकारी योजनाओं का लाभ मुसलमानों को न मिलता हो, लेकिन भारत में सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मुसलमानों को मिलता है।
इंडिया गठबंधन की बैठक 1 जून को:
देश में आम चुनाव का सातवां और अंतिम चरण 1 जून को है। 4 जून को नतीजे आएंगे। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने 1 जून को इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस बैठक में 4 जून को नतीजे के आद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों का दावा है कि इस बार बहुमत उनके गठबंधन को ह मिलेगा। स्वाभाविक है कि जब गठबंधन को बहुमत मिलेगा तो सबसे बड़ा मुद्दा प्रधानमंत्री चुनने का होगा। कांग्रेस पहले ही पीएम पद पर अपना दावा जता चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री बनने का सपना ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक देख रहे हैं। यह बात अलग है कि एनडीए के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी शुरू कर दी है। यदि मोदी तीसरी बार पीएम बनते हैं तो इंडियान गठबंधन की एकता टुकड़े टुकड़े हो जाएगी।