Jaipur | Rajasthan | India | Author: Team VB News | First Published on: 5-Jun-19 1:10 PM | Updated On: 5-Jun-19 1:10 PM IST | | Read Time: 5 Minute Read | Report Language: English-Hindi | Report Source: VB News Desk | Source Confirmed: True | Report Category: Education | Personality Name Associated with this report: DU, CBSE | Place Name associated with this report: India Last Updated on: 5-Jun-19 1:10 PM | Audio Report Available: NO | Video of Report: NO | ©VisheshBaat |
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Snapshot: In this report you will be reading about:
- किस प्रकार फर्जी कागजों को पकड़ा गया था 2018 में
- DU ने अन्य कागजात की जांच का एक तरीका सोच लिया है
- कैसे होगी फर्जी मामलों की जांच और क्याजांचकर्ताओं के लिए भी होगा एक्शन :
- डेटा की सहायता से सर्टिफिकेट को अच्छी तरीके से परखा जा सकता है
- जांचकर्ताओं के लिए कड़े नियम
- कैसे होगी जांच करने की पूरी प्रक्रिया
- फर्जी निकलने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई
किस प्रकार फर्जी कागजों को पकड़ा गया था 2018 में
2018 में DU स्टूडेंट यूनियन (अध्यक्ष) के पद पर चुने गए स्टूडेंट की मार्कशीट कथित तौर पर फर्जी पाई गई, उसके बाद डीयू की पोजीडीएवी कॉलेज में 5 छात्रों के 12वीं के सर्टिफिकेट और मार्कशीट फर्जी पाई गई, इतना ही नहीं बल्कि इन कागजों में बोर्ड तक भी फर्जी थे. इसके बाद बीते साल नवंबर में इसके बारे में पता लगाया गया. फिर DU ने यह कड़ा एक्शन लिया की फर्जी मार्कशीटो को जांचा जाए और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
DU ने अन्य कागजात की जांच का एक तरीका सोच लिया है
इसी के साथ कोई भी फर्जी मार्कशीट या सर्टिफिकेट को जांचने के लिए सीबीएसई के 5 साल 2014 से लेकर के 2019 तक के डेटाबेस का इस्तेमाल करेगा.
कैसे होगी फर्जी मामलों की जांच और क्याजांचकर्ताओं के लिए भी होगा एक्शन :
DU ने इस कार्य के साथ बहुत ही सब तरीके को अपनाया है. यही नहीं बल्कि जांचकर्ताओं के लिए भी सख्त एक्शन लेगा DU. जांच में अगर कोई गलत पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी उन्हें पकड़ने के लिए डाक्यूमेंट्स की जांच की जाएगी. दाखिला समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि डीयू के पास सीबीएसई के 2014 से 2019 तक का डाटाबेस है.
डेटा की सहायता से सर्टिफिकेट को अच्छी तरीके से परखा जा सकता है
डेटा के जरिए आसानी से बीते 5 साल की मार्कशीट और सर्टिफिकेट को अच्छी तरीके से परखा जा सकता है. उसी के दौरान अगर कोई फर्जी मार्कशीट होगी तो वो तुरंत सामने आ जाएगी, और इससे मार्कशीट का सही या फिर फर्जी होना साबित हो जाएगा. इस कार्य में डीयू (DU) के डीन स्टूडेंट वेलफेयर उनका साथ दे रहे हैं इसे जांच करने के लिए.
जांचकर्ताओं के लिए कड़े नियम
इसी के साथ जांचकर्ताओं के लिए भी इसमें कड़े नियम बनाए गए हैं, अगर कोई जांचकर्ता किसी भी तरीके से marksheet की जांच करने में कोई गलती करते हैं, तो उनके लिए भी सख्त एक्शन लिए जाएंगे और उनकी जांच पर नजर भी रखी जाएगी.
कैसे होगी जांच करने की पूरी प्रक्रिया | फर्जी निकलने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई
जैसा कि डीयू (DU) के पास माफ सीटों को जांचने के लिए 5 साल का डाटा बेस तैयार है, इसीलिए उन्होंने marksheet जांचने के लिए एक प्रक्रिया तैयार की है, जिसके लिए प्रोफेसर राजीव ने बताया कि इसमें दूसरे बोड्स के लिए कागजों को जांचने के लिए स्टूडेंट से एक हफ्ते के लिए उनके मूल दस्तावेज ले लिए जाएंगे, फिर उसके बाद ड्यूटी ऑफिसर स्पेशल (admission) के समय एक नियम रखा गया है. जिसके लिए डॉक्टर सुकांटो के मुताबिक दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से के बाद 1 हफ्ते के लिए छात्रों से उनके दस्तावेजों को मांगेंगे, और फिर उनकी अच्छी तरीके से जांच की जाएगी.
फर्जी निकलने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई
जांच के दौरान अगर किसी भी छात्र का दस्तावेज फर्जी निकलता है, तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी