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चाय की लत
सुबह नींद से पूरी तरह जागने के लिए चाय या कॉफी की जरूरत होती है. बिना चाय या कॉफी के हमारी सुबह ही नहीं होती है. लेकिन जितनी यह नींद खोलने के काम आती है. उतनी ही नुकसानदायक भी होती है. शरीर को हानि पहुंचाने के लिए चाय या कॉफी पीने से नींद खुलना, थकान दूर होना, सिर दर्द कम होना ही नहीं बल्कि चाय या कॉफी का उपयोग हमारे शरीर को कई बीमारियों से घेर लेता है. चाय या कॉफी का हर रोज उपयोग करने पर दातों पर एक पीली परत चढ़ जाती है.
नियमित रूप से चाय का सेवन करने वालो पर असर
सामान्य तौर पर कॉफी का पेड़ “कैफीन” बनाता है. ताकि वह अपनी फलियों को कीड़ों से बचा सके यानी कैफीन कीड़ों के लिए जहर का काम करता है. लेकिन कॉफी के दीवाने और फैशन के हिसाब से कॉफी का उपयोग करने वाले बहुत लोग हैं. जो कॉफी को पीकर एक अलग ही आनंद महसूस करते हैं. इसलिए कई रिसर्च और डॉक्टर साफ-साफ बताते हैं कि कॉफी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है क्योंकि कैफीन के कारण एड्रीनलीन ग्लैंड एड्रीनलीना बनाने लगते हैं. जो रोज कॉफी पीने वालों का शरीर हमेशा तनाव में ही रहता है. ऐसे में व्यक्ति खतरे की स्थिति में होता है.
शरीर की मांसपेशियां हमेशा तनाव में रहती हैं. और खून में ग्लूकोज बढ़ जाता है. ताकि ऊर्जा पैदा होती रहे धड़कन और सांसे तेज होने लगती है. बच्चों के लिए कॉफी का सेवन तो बहुत ही नुकसानदायक है. कैफीन का ज्यादा सेवन करने से शरीर की नसे कमजोर हो जाती हैं और घबराहट महसूस होने लगती है. इसके अलावा निराशा और अवसाद भी मस्तिष्क में जगह बना लेते हैं.
चाय कॉफ़ी पर हुए रिसर्च
इसके साथ ही यह कैंसर का कारण भी बन जाती है. इससे पहले इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने वर्ष 1999 में पहली रिपोर्ट प्रकाशित की थी. जिसमें यह स्पष्ट तौर पर उल्लेखित था कि कॉफी के अंदर कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं. जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. यही दूसरी और कुछ ऐसे रिसर्च भी सामने आए जिन्होंने उपरोक्त स्थापनाओं को पूरी तरह नकार दिया संबंधित अध्ययनों के अनुसार यह देखा गया कि ज्यादा कॉफी पीने वाले व्यक्ति पहले से ही तनावग्रस्त या अवसाद से घिरे होते हैं. चाय या कॉफी का सेवन बच्चों के दिमाग पर बहुत तनावपूर्ण असर पैदा करता है. चाय या कॉफी में 3% कैफीन होता है. जिससे गले और मुंह में खुश्की चढ़ती है यह फेफड़ों और सिर में भारीपन पैदा करता है. चाय और कॉफी में जो कैफीन होता है. उसकी मात्रा 2 पॉइंट 75% होती है. जो शरीर में एसिड बनाने का काम करती है. इससे किडनी पर असर होता है और किडनी कमजोर हो जाती है. चाय कॉफी पर रिसर्च से पता चला है कि इसमें वालाटाइल नामक केमिकल होता है. यह आंतों को कमजोर बनाता है. इससे आंतों के ऊपर हानिकारक प्रभाव पड़ता है.
बच्चो में चाय कॉफ़ी का नकारात्मक पहलू
चाय कॉफी सबसे ज्यादा प्रभाव मस्तिष्क पर डालती है. इससे स्मरण शक्ति कमजोर होती चली जाती है और इसीलिए बच्चे अक्सर पढ़ाई में कमजोर होते हैं और वे शरीर को अंदर से कमजोर महसूस करते हैं तथा अंदर से उन्हें कई बीमारियां घेरे होती हैं. जिससे वह गुमसुम दिखाई पड़ते हैं तथा चाय कॉफी का सेवन बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है .
चाय कॉफ़ी के फायदे
अपवाद के रूप में चाय कॉफ़ी का सही इस्तेमाल कई फायदे भी देता है .असल में चाय को बिना दूध के बनाने पर यह काली चाय कहलाती है जो कि फायदेमंद भी है .जुकाम बुखार में काली चाय को औषधीय पेय के रूप में लेने पर यह फायदा भी करती है .चाय में दूध मिलाके बनाने का प्रयोग भारत में ही किया गया है जो कि इसके औषधीय रूप को ख़त्म कर नुकसानदायक ज्यादा बनाती है.
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