Aishwarya Rai Bachchan in Devdas (2002)

क्या इन फिल्मों ने आपको भी रुलाया

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सिनेमा के इस जगत में सभी को मनोरंजन कराने के लिए हमारे कलाकार अभिनेता-निर्देशक मिलकर फिल्में बनाते हैं, कुछ रोमांटिक फिल्में होती हैं,  कुछ हंसी खुशी की कॉमेडी की फिल्में होती हैं, तो कुछ रुला देने वाली भी फिल्म होती हैं. इन फिल्मों में होने वाली घटनाएं हमारे एहसास को दर्शाती है. इसीलिए हम उन पर हाव भाव प्रकट करते हैं .

लेकिन वे फिल्में सच में हमारे एहसास से बिल्कुल मिलती है जो हमारे आंसू निकाल दे मतलब जिन फिल्मों को देखकर हमारे एहसास बिल्कुल मिल जाते हैं. आज हम ऐसे ही कुछ फिल्मों का जिक्र कर रहे हैं जिनमें आप रोए हो .

फिल्म “सदमा” यह कमल हसन और श्रीदेवी की फिल्म थी. जिसमें सभी दर्शकों को रोना आ ही गया.

फिल्म “तेरे नाम”

इस फिल्म ने एक ऐसी प्रेम कहानी को प्रस्तुत किया है. जिसे देखकर सभी प्रेमी नहीं बल्कि हर कोई रोने को मजबूर हो गया इस फिल्म के अंत में सभी को एक दर्द दिया और रोने पर मजबूर किया है. किया है. और इसी के साथ साथ इस फिल्म के गाने ने भी बखूबी रहे इस फिल्म में प्रस्तुत कहानी और दर्द को बयां करने में .

फिल्म Mughal-e-Azam “मुगले आजम”

Mughal-e-Azam
Mughal-e-Azam Audience Review

इस फिल्म को टीवीपुर में रोमांटिक फिल्मों की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जाती है. साथ ही यह रुला देने वाली पिक्चरों में भी बेहतरीन मानी गई है . साथ ही यह अपने टाइम के फिल्मों में सबसे अच्छी कमाई वाली फिल्म रही .

फिल्म “देवदास”

Aishwarya Rai Bachchan in Devdas (2002)

यह भी एक प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म रहे जिसमें ” Devdas”अपने नाम के रूप में बेहद प्रसिद्ध हुआ तथा इनकी प्रेम कहानी और बिछड़ना सभी को रो देने पर मजबूर कर दिया यह फिल्मी आज भी उतनी ही बेहतरीन है. जितनी उस वक़्त की जब यह फिल्में रिलीज हुई आज भी यह फिल्में देखने पर एहसासों के हिस्से में आंसू निकाल ही देती है.

फिल्म “तारे जमीन पर”

तारे जमीन पर

यह हकीकत है. कि फिल्में हमारे एहसासों को दर्शाती है. हमारे जीवन की घटनाओं को प्रदर्शित करती है. इसी से जुड़ी हुई है. फिल्म तारे जमीन पर इस बात का सबूत है. क्योंकि इस फिल्म में एक बच्चा जो एक बीमारी से पीड़ित है. लेकिन उस बीमारी पर ध्यान देने की बजाय उसकी माता पिता उसकी पढ़ाई नहीं करने की आदत पर गुस्सा और नाराजगी दिखाते हैं. और हकीकत में भी कहीं जगह कुछ बच्चों के साथ ऐसा ही होता है. इस फिल्म के जरिए यह सिखाया गया है. कि बच्चों को गहराई से उनके तरीके से समझने की जरूरत है. उनकी परेशानियों को समझने की जरूरत है. हर बच्चे में कोई ना कोई काबिलियत जरूर है. उसे पहचानने की जरूरत है.

फिल्म आशा

फिल्म आशा एक पुरानी पिक्चर है. लेकिन आज भी दर्शक उसे देखकर रोने पर मजबूर हो जाते हैं. इस फिल्म में आशा की किरदार ने अपनी जिंदगी में बहुत दुख देखा. फिर संघर्ष करके अपनी सफलता तक पहुंची इस पूरी कहानी में जो आशा ने सहन किया वह बेहद ही रुला देने वाला था.

राम तेरी गंगा मैली

फिल्म राम तेरी गंगा मैली भी बेहद रुला देने वाली पिक्चर है. इस में गंगा के किरदार ने जो कुछ सहा वह देखकर हर किसी ने हर किसी ने आंसू बहाए क्योंकि गंगा के किरदार ने जो संघर्ष किया वह हर कोई नारी नहीं कर पाती और शायद हालात के आगे झुक जाती. और इस पिक्चर में नारी के दुख और दर्द को उजागर किया है. लेकिन साथ साथ ही नारी के प्रेम को भी सम्मान दिया है.