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क्या ‘मृत्यु कुंभ’,’गटर वाले पानी से हो रहा महाकुंभ’ जैसी टिप्पणियां की जा सकती है?

Sri SP Mittal Journalist Ajmer

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यह महाकुंभ नहीं मृत्यु कुंभ है-ममता बनर्जी।

गटर वाले पानी से हो रहा महाकुंभ अनुराग ढढ्ढा।

क्या किसी दूसरे धर्म के धार्मिक आयोजन पर ऐसी टिप्पणियां की जा सकती है?

टीएमसी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं प्रयागराज के महाकुंभ को नहीं मानती। यह तो मृत्यु कुंभ है। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग ढढ्ढा ने एक न्यूज चैनल पर कहा कि महाकुंभ तो गटर वाले पानी में हो रहा है। हो सकता है कि कुछ राजनेताओं को सनातन संस्कृति से चिढ़ हो इसलिए वे महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या किसी दूसरे धर्म के धार्मिक आयोजन पर ऐसी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां की जा सकती है?

सब जानते है कि दूसरे धर्म पर ऐसी टिप्पणी करने पर सिर तन से जुदा कर दिया जाता है, इसलिए राजनेता दूसरे धर्म पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां करने की हिम्मत नहीं दिखा सकते। चूंकि सनातन संस्कृति हिंसा की सीख नहीं देती है इसलिए राजनेता गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां कर देते है।

आज जब सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले 60 करोड़ लोग महाकुंभ का स्नान कर रहे हो, तब महाकुंभ की तुलना मृत्यु कुंभ और पानी की तुलना गटर के पानी से करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता। सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले जो लोग टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों को वोट देते हैं उन्हें ऐस गैर जिम्मेदाराना बयानों को देखना चाहिए। इससे पहले भी तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनके मंत्री पुत्र उदयनिधि ने सनातन धर्म को नष्ट करने की बात कही है।

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