9 अगस्त को कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचे।
राहुल 10 अगस्त को भी कश्मीर में रह कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे।
राहुल गांधी का अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर ही कांग्रेसियों को पता चला कि ट्विटर कैसा है।
9 अगस्त को कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचे। राहुल 10 अगस्त को भी कश्मीर में रह कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। 9 अगस्त को पूरी स्वतंत्रता के साथ राहुल गांधी ने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन भी किया। राहुल के दौरे से जम्मू कश्मीर के कांग्रेसियों में उत्साह देखा गया।
राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद यह पहला अवसर रहा, जब वे इतनी स्वतंत्रता के साथ श्रीनगर में घूमे। ऐसा इसलिए संभव हो सका कि अब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है। अब राहुल गांधी भी कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। सब जानते हैं कि जब 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय किया गया था, तब कांग्रेस ने एतराज जताया था।
जबकि उस समय जम्मू कश्मीर के हालात बद से बदतर थे। आज जिस स्वतंत्रता के साथ राहुल गांधी श्रीनगर में घूम रहे हैं, तब ऐसी कल्पना भी नहीं की सकती थी। राजनीतिक गतिविधियां को दूर बल्कि सशस्त्र सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके जाते थे। लेकिन इसे राजनीति का दुर्भाग्य पूर्ण पक्ष ही कहा जाएगा कि हालात सुधारने का श्रेय राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नहीं देंगे। सब जानते हैं कि मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति की वजह से ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा है। इसमें देश की जनता का भी सहयोग मिला।
370 को हटाने के लिए देशवासियों ने भाजपा को साढ़े तीन सौ सांसदों का समर्थन दिलवाया। राहुल गांधी भले ही नरेन्द्र मोदी को श्रेय नहीं दें, लेकिन यह अच्छी बात है कि देश का एक राजनेता अब स्वतंत्रता के साथ उस श्रीनगर में घूम रहा है, जहां कभी वर्ष भर कर्फ्यू लगा रहता था।
अब पता चला ट्विटर कैसा है?
राहुल गांधी का अकाउंट ब्लॉक किए जाने के बाद 9 अगस्त को कांग्रेसियों ने मुंबई से लेकर संसद तक हंगामा किया। कांग्रेसियों को अब सोशल मीडिया के ट्विटर प्लेटफार्म पर गुस्सा आ रहा है। कांग्रेसी अब ट्विटर की हिम्मत को ललकार रहे हैं। ये वो ही कांग्रेसी हैं जो पिछले दिनों उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, तत्कालीन कानूनी व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और वीआईपी के आउंट ब्लॉक होने पर ट्विटर के साथ खड़े थे। सरकार ने जब ट्विटर के खिलाफ कार्यवाही की तो राहुल गांधी और इन्हीं कांग्रेसियों ने केन्द्र सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का आरोप लगाया। तब कांग्रेसियों ने कहा कि अकाउंट ब्लॉक कर ट्विटर ने सही किया है। लेकिन इस बार जब ट्विटर ने राहुल गांधी का अकाउंट ही ब्लॉक कर दिया तो कांग्रेसियों को पता चला गया कि ट्विटर कैसा है। जबकि राहुल गांधी ने दिल्ली के प्रकरण बलात्कार और हत्या की शिकार नाबालिग लड़की के माता-पिता की पहचान उजागर कर गैर कानूनी कार्य किया था। यदि कांग्रेस उस समय सरकार का साथ देती तो आज राहुल गांधी का अकाउंट ब्लॉक करने की हिम्मत ट्विटर की नहीं होती। ट्विटर का विरोध कर अब कांग्रेस खुद कटघरे में खड़ी है।